हमारे बारे में बात करने बाले कभी हमसे गुफ्तगू ना किया,
न वो जताया हमसे दोस्ती,
न कभी बयां किया हमसे होने वाले शिकवे,
हम तो इस सोच में थे की हम मुसाफिर है इक राह की,
मगर उसने हमे अजनबी कहने से पहले दोबारा न तलाशा.
~ पौलमी
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